सद्गुरु ईश्वरदत्तजी स्मृति जनकल्याण समिति

पं. पू. संत श्री गुरुदेव बाबाजी
संत श्री श्री 1008 सद्गुरु ईश्वरदत्तजी महाराज
॥ गुरु ॐ ॥ २१
परम संत सद्गुरुदेव श्री ईश्वरदत्तजी ब्रह्मचारी
जीवन परिचय
आपका जन्म १८ जुलाई १९२३ गुजरात, बड़ौदा के पास वासद में नांदेरा ब्राह्मण परिवार में हुआ। आपके पिता श्री शिवशंकर पाठक एवं माता प्रसन्न बा चुस्त सनातनी ब्राह्मण थे । अयाचक वृत्ति से अपने परिवार का भरण-पोषण करना तथा सतत भगवद्भजन करना परिवार का लक्ष रहा है। आपके अन्य तीन भाई श्री भाईलाल भाई, स्व. रमणभाई, एवं स्व. डाह्याभाई, भी कठोर तपस्वी तथा देवी उपासक रहे हैं। बचपन से ही अपने परिवार के भक्तिमय वातावरण से आपके अन्दर आध्यात्मिक संस्कारों का प्रादुर्भाव हुआ। आपको कई संतों के दर्शन सत्संग एवं मार्गदर्शन का लाभ मिल चुका है।परम सद्गुरु श्री गिरजाशंकर महाराज से आपको गायत्री दीक्षा प्राप्त हुई। उन्हीं के मार्गदर्शन में आपने वासद में चौबीस लाख का गायत्री पुरश्चरण लगभग २०-२५ वर्षकी अवस्था में पूर्ण किया । अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी आप अपने साधन भजन से विचलित नहीं हुए । आपने उन्हीं दिनों पेरिनबहन ( गिरजाशंकर महाराजकी समर्पित भक्त) का भी सत्संग लाभ लिया ।
इसके अतिरिक्त बचपन से ही आप बड़ौदा में बंगाली संत, परमयोगी दंडी संन्यासी श्री शांता स्वरूपजी (मगर स्वामी) के सान्निध्य में उन्हीं के सारसिया स्थित आश्रम में कई वर्षों तक रहे तथा साधन भजन करते रहे तथा उन्हीं से योग दीक्षा ली।




सद्गुरु ईश्वरदत्तजी स्मृति जन कल्याण समिति: एक परिचय
हमारे पूज्य सद्गुरु ईश्वरदत्तजी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए, हम "सद्गुरु ईश्वरदत्तजी स्मृति जन कल्याण समिति" के रूप में समाज सेवा के लिए समर्पित हैं। यह समिति सद्गुरुदेव की पावन स्मृति को चिरस्थायी बनाने और उनके जनकल्याण के संकल्पों को पूरा करने के उद्देश्य से स्थापित की गई है।
हमारी संस्था का रजिस्ट्रेशन और पारदर्शिता
हम आपको यह बताते हुए हर्ष महसूस कर रहे हैं कि हमारी संस्था "सद्गुरु ईश्वरदत्तजी स्मृति जन कल्याण समिति" भारत सरकार के NGO DARPAN पोर्टल पर पंजीकृत (रजिस्टर्ड) है।
हमारा अद्वितीय आईडी (Unique ID): MP/2025/0510509
यह पंजीकरण हमारी संस्था के पारदर्शी संचालन और वैधानिक अस्तित्व को दर्शाता है। यद्यपि NGO DARPAN पर पंजीकरण मात्र नीति आयोग द्वारा हमारी संस्था के किसी समर्थन या मान्यता का प्रमाण नहीं है, यह सरकार के साथ हमारी औपचारिक उपस्थिति को सुनिश्चित करता है। हम अपने सभी कार्यों में ईमानदारी और जवाबदेही बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दत्तस्वरूप दंडी संन्यासी परम पूज्य वासुदेवानंद सरस्वती (गरुडेश्वर) भी आपके आराध्य संत रहे। उनका परोक्ष आशीर्वाद आपको प्राप्त है। उन्हीं के शिष्य नारेश्वर संत श्री रंग अवधूत की पूर्ण कृपादृष्टि आपके ऊपर रही। उन्हीं के आदेश से आपने अपना घर द्वार छोड़ा तथा घरमराय (वर्तमान आश्रम) को अपनी तपस्थली बनाया और आजतक यही पर स्थित हैं। इसके अतिरिक्त संत श्री पुनित महाराज एवं एक अन्य अवधूत संत जिन्हें लोग छत्रपति के नाम से जानते थे उनका भी सत्संग एवं आशीर्वाद का लाभ लिया।
हमारे उद्देश्य और कार्य
सद्गुरुदेव के आशीर्वाद और प्रेरणा से, हमारी समिति विभिन्न जनकल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगी हुई है। हमारे प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए अन्न क्षेत्र: हम नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अन्न क्षेत्र का संचालन करते हैं, जहाँ उन्हें शुद्ध और सात्विक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह सेवा परिक्रमा वासियों की यात्रा को सुगम और सफल बनाने में सहायक है।
नवीन आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण: पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से, हम ग्राम धर्मराय, तहसील व जिला धार, मध्य प्रदेश में एक नए आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण कर रहे हैं। यह आश्रम गुरुदेव के भक्तों और समाज के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बनेगा।
आश्रम में उत्सवों का आयोजन: हम आश्रम में गुरु पूर्णिमा, गुरुदेव का जन्मोत्सव और अन्य महत्वपूर्ण पर्वों व उत्सवों को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। ये आयोजन भक्तों को गुरुदेव से जुड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते हैं।
सेवा और सहायता कार्य: समाज के वंचित और ज़रूरतमंद वर्गों के लिए विभिन्न सेवा और सहायता गतिविधियों का आयोजन करना।
आपके सहयोग की आवश्यकता
सद्गुरुदेव के इन महान कार्यों को जारी रखने और विस्तार देने के लिए हमें आपके सहयोग और समर्थन की अत्यंत आवश्यकता है। आपकी छोटी से छोटी मदद भी हमारे जनकल्याण के प्रयासों में एक बड़ा योगदान दे सकती है।
आपका दान सीधे इन पवित्र कार्यों में लगेगा, चाहे वह नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए अन्न सेवा हो, नए आश्रम "नारायण कुटी" के निर्माण में सहयोग हो, या आश्रम के अन्य सेवा कार्यों में।
आपका दान हमें सद्गुरुदेव के दिखाए मार्ग पर चलने और अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुँचाने में सक्षम बनाएगा।
हमें विश्वास है कि आप इस पुनीत कार्य में हमारे साथ जुड़ेंगे और अपने दान से इन जनकल्याणकारी प्रयासों को और गति प्रदान करेंगे।
सेवाएँ और गतिविधियाँ
हमारे आश्रम में विभिन्न सेवाएँ और गतिविधियाँ उपलब्ध हैं, जो सभी के लिए हैं।
नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए अन्न क्षेत्र


हम नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अन्न क्षेत्र का संचालन करते हैं, जहाँ उन्हें शुद्ध और सात्विक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह सेवा परिक्रमा वासियों की यात्रा को सुगम और सफल बनाने में सहायक है।




नवीन आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण
पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से, हम ग्राम धर्मराय, तहसील व जिला धार, मध्य प्रदेश में एक नए आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण कर रहे हैं। यह आश्रम गुरुदेव के भक्तों और समाज के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बनेगा।
हम आश्रम में गुरु पूर्णिमा, गुरुदेव का जन्मोत्सव और अन्य महत्वपूर्ण पर्वों व उत्सवों को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। ये आयोजन भक्तों को गुरुदेव से जुड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते हैं।
आश्रम में उत्सवों का आयोजन
गुरुदेव की दुर्लभ फोटो
यहाँ आश्रम की सुंदरता और गतिविधियों की झलक है।










अपना आश्रम: नारायण कुटी, धरमराय
धार जिले की पावन भूमि पर, माँ नर्मदा के समीप, धर्मराय (तहसील व जिला धार, पिनकोड 454331) में स्थित है हमारा शांत आश्रम "नारायण कुटी"। यह पूज्य सद्गुरुदेव की तपोभूमि है, जहाँ उनकी पावन उपस्थिति और प्रकृति की शांति का अद्भुत संगम है।
यहाँ आकर आपको आंतरिक शांति और सुकून का अनुभव होगा। यह भीड़-भाड़ से दूर, आत्म-चिंतन और साधना के लिए एक आदर्श स्थान है, जहाँ हर पल गुरुदेव का आशीर्वाद महसूस होता है।
आप यहाँ आकर कुछ पल बिताएं और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।
पता
धरमराय तेहसील - जिला - धार मध्यप्रदेश पिनकोड 454331
महत्वपूर्ण लिंक
संपर्क सूत्र
सहयोग
info@समिति.org
मो. न. +91 73549 07722
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